अनुभूति में सुभाष
चंद्र लखेड़ा की रचनाएँ-
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विज्ञानकु: सृष्टि
उम्र तमाम
वैज्ञानिक स्वयं से
करें सवाल।
क्यों कैसे कब
बने इतने सारे
चाँद सितारे।
प्रश्न अनंत
नजर नहीं आता
इनका अंत।
प्रश्नों की यात्रा
वैज्ञानिकों को प्यारी
रहेगी जारी।
विज्ञान दृष्टि
खोज रही जवाब
कैसी है सृष्टि।
१ मई २०२२ |