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अनुभूति में योगेश समदर्शी की रचनाएँ

गीतों में-
आओ खेलें खेल
आज कलम उनकी जय बोल
खाना सीख
चुलबुल कर

मस्ती वाली बातें कर

 

 

मस्ती वाली बातें कर

यह जमाना
मौज का है, मस्ती वाली बातें कर
हा हा, हुल्ला, ही ही, ही ही सस्ती
वाली बातें कर

आज के
बच्चे भोले भाले सीख तुम्हारी मानेंगे ?
किस युग में तुम छूट गए, मत बस्ती
वाली बातें कर

सबको बाँटो
फिर तुम खाओ सीख पुरानी छोड़ भी दो,
छीन झपट कर बड़े बनेंगे धीं-मुश्ती
वाली बातें कर

पढो किताबें
बनलो ज्ञानी, तोते हो तुम सबके सब
डिस्को जाकर दारू गटको हस्ती
वाली बातें कर

१५ जुलाई २०१३

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