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अनुभूति में वीरेन्द्र आस्तिक की रचनाएँ-

गीतों में-
कैसे हैं चमत्कार
दूरी
बिखरे हिमखंड

वोटर उवाच

 

 

  कैसे हैं चमत्कार

कैसे है चमत्कार
नेकी से हो रही बंदी

लाशें ईमानों की
हत्यारे ही रखवाले
काले को उजाला करते
जादू भरे घुटाले

लंबोदर का भेष धरे
पीते दूध की नदी

आज़ादी के जंगल राजा के
कांड घिनौने
इनकी करतूतों को
छुपकर देखें मृग छौने

बता रहे ये
कैसी होगी इक्कीसवीं सदी

आयातित ईजादों से
हम अब तक क्या सीखें
क्या इनकी खुशियों के-
स्वाद नहीं लगते तीखे?

सता रहे हैं प्रेत
समस्याएँ हो गई सती

१५ मार्च २०१०

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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