रामदेव लाल ’विभोर‘
जन्म - ८ जुलाई, १९३७ को ग्राम व पोस्ट हैवरिया, जनपद बहराइच,
उ.प्र. में।
शिक्षा- बी.ए., एल.एल.बी।
कार्यक्षेत्र- भारतीय डाक सेवा में अधिकारी एवं स्वतंत्र लेखन।
प्रकाशित कृतियाँ-
’भारत कल आज और कल‘ (काव्य कृति), ’गुरूदक्षिणा‘ (खण्ड काव्य),
’नीम की छाँव‘ (खण्ड काव्य), ’भावना के सुमन‘ (काव्य कृति), हर
हर गंगे‘ (प्रबन्ध काव्य), सहयोगी रचनाकार-कविताः बदलते
संदर्भ, कविताः गूँजते स्वर, वन्देमातरम् काव्यधारा, राष्ट्रीय
काव्यांजलि, नमामिरामम्, क्या कहकर पुकारूँ ? ’हे मातृ भूमि
भारत, कविता- हस्तलिपि एवं हस्ताक्षर,‘ढाई आखर, हास्य एकांकी:
’श्री डाकघर।
सम्मान -
’नीव की छाँव‘ खण्डकाव्य के रचनाकार के रूप् में प्रवाहिनी एवं
मंदाकिनी साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पदक एवं मानपत्र भेंट,
लखनऊ विश्वविद्यालय से ’रामदेव लाल ’विभोर‘ की साहित्य साधना‘
विषय पर लघु शोध प्रबन्ध।
संप्रति- भारतीय डाकसेवा के प्रवर
अधीक्षक पद से सेनानिवृत्त।
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अनुभूति में
रामदेव लाल ’विभोर‘
की रचनाएँ—
गीतों में-
कैसे फूल मिले
फूटा चश्मा बूढ़ी आँखें
बाज न आए बाज
भरा कंठ तक दूषित जल है
मैं घड़ी हूँ
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