|
पता नहीं है
पता नहीं है, लोगों को
क्यों अचरज होता है
जब भी कोई गीत प्यार का
मैं गा देता हूँ
प्यार कूल है प्यार शूल है
प्यार फूल भी है
प्यार दर्द है प्यार दवा है
प्यार भूल भी है
मेरे लिए प्यार की इतनी
भागीदारी है
इसको लेकर अपनी रीती
नैया खेता हूँ
प्यार एक सीढ़ी है
इस पर चढ़ना ही होता
प्यार एक पुस्तक है
इसको पढ़ना ही होता
धरती का कण-कण जब मुझसे
रूठा लगता है
गा कर गीत प्यार के ही
मन समझा लेता हूँ
प्यार दया है प्यार धर्म है
प्यार फ़र्ज भी है
प्यार एक जीवन की लय है
प्यार मर्ज़ भी है
जब भी किया प्यार पर मैंने
न्योछावर खुद को
मुझे लगा है सब हारे
मैं एक विजेता हूँ
७ नवंबर २०११
|