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अनुभूति में केतन यादव की रचनाएँ-

गीतों में-
कुछ बोल दो ना
केवल राह तुम्हारी
ख्वाब सारे आसमानी

मृत्यु के दुष्कर क्षणों में 
वेदना के इन क्षणों में

 

वेदना के इन क्षणों में 

वेदना के इन क्षणों में
मैंने तुमको ही पुकारा
तुमको शब्दों में पिरोया
तुमको पन्नों पे उतारा

यह हृदय का व्योम अंचल 
भावना के बादलों में
आँसुओं की बूँद लेकर 
चित्र बस तेरा उभारा

साँझ जीवन की मेरी
चिर रात्रि में विश्राम करती 
चिर मिलन के स्वप्न को बस 
कल्पना का ही सहारा

ज्वार उठते और गिरते 
इस हृदय मानस अचल पर 
और फिर चुपचाप मिल जातीं
सहस्रों मूक धारा

१ दिसंबर २०२२

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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