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अनुभूति में ज्ञानप्रकाश आकुल की रचनाएँ—

गीतों में—
अट्टहासों में तुम्हारी चीख
आज आशंका अचानक
प्रश्न पहला धूप से है
रामभजन परदेस
सुनो तथागत!
हम शापों के अभ्यासी

 

प्रश्न पहला धूप से है

प्रश्न पहला धूप से है क्यों जले उपवन सभी
बाद में फिर बादलों का पक्ष पूछा जायेगा

शोर की इक होड़ सी है
कौन किसको कब पछाड़े
ढोल तासे लड़ रहे हैं
बज रहे जमकर नगाड़े
जो सहमकर चुप रहीं हैं इस भयावह काल में
कब भला उन पायलों का पक्ष पूछा जायेगा

हर विषैली कामना के
हो रहे हों स्वप्न पूरे
जब बबूलों की सभा में
नृत्य करते हों धतूरे
दर्शकों की दीर्घा में जो बहुत पीछे खड़े
क्या वहाँ तुलसीदलों का पक्ष पूछा जायेगा

कुल मिलाकर सब गलत है
कुल मिलाकर सब सही
नीति भी अब भीड़ के
हाथों नियंत्रित हो रही
ओ नियन्ता! बस करो अब, नीति के निर्माण में
और कितने पागलों का पक्ष पूछा जायेगा

१ दिसंबर २०१७

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