अनुभूति में
चंद्रप्रकाश पांडेय
की रचनाएँ-
गीतों में-
आखिर नदी में
ओ पहले बादल
गंगू की छिटनी
लौट लो मौसम बुरा है
वातावरण खटास भरा है
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ओ पहले बादल
मौसम के
ओ पहले बादल
आना भी तुम फिर
आना कल
बरस बाद बरसे तुम आ कर
बाहर भीतर आखर आखर
दिन बीते पीले पातों के
प्राण होगये
सागर सागर
तुम जैसे
निर्धन का धन हो
एक एक दिन
एक एक पल
कोर कोर पुतरी है नाचे
शब्द शब्द सुधियों के बाँचे
आज विरह ने गीत मिलन के
फूल फूल मन
विजन सवाँचे
बूँद बूँद
यह प्यास हुई
धीरे धीरे
खुद गंगाजल
२५ अगस्त २०१४
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