अनुभूति में रवीद्र भ्रमर
की रचनाएँ-
गीतों में-
आज का यह दिन
आँखों ने बस देखा भर था
चलो नदी के
साथ चलें
जूही
के फूल
यायावर
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आज का यह दिन
आज का यह दिन
तुम्हें दे दिया मैंने
आज दिन भर तुम्हारे ही ख़यालों में लगा मेला
मन किसी मासूम बच्चे-सा फिरा भटका अकेला
आज भी तुम पर
भरोसा किया मैंने।
आज मेरी पोथियों में शब्द बनकर तुम्हीं दीखे
चेतना में उग रहे हैं अर्थ कितने मधुर-तीखे
जिया मैंने।
आज सारे दिन बिना मौसम घनी बदली रही है
सहन आँगन में उमस की, प्यास की धारा बही है
सुबह उठकर नाम जो
ले लिया मैंने। १ जून २००१ |