गोपाल सिंह
नेपाली
जन्म :
११ अगस्त १९१३ में बिहार
के चंपारन
जिले के बेतिया नामक स्थान में।
कार्यक्षेत्र : गोपाल सिंह
नेपाली हिंदी के छायावादोत्तर काल के कवियों में महत्वपूर्ण
स्थान रखते थे। वे उस काल के कवियों में से थे जब बड़े बड़े
साहित्यकार और कवि फ़िल्मों के लिए काम करते थे। १९४४ से १९६३ तक
मृत्यु पर्यंत वे बंबई में फ़िल्म जगत से जुड़े रहे। उन्होंने एक
फ़िल्म का निर्माण भी किया।
वे पत्रकार भी थे और उन्होंने
कम से कम चार हिंदी
पत्र-पत्रिकाओं रतलाम टाइम्स, चित्रपट, सुधा और योगी का संपादन किया। फ़िल्मों
के लिए लिखे गए उनके कुछ गीत अत्यंत लोकप्रिय हुए। १९६२ में
भारत-चीन युद्ध के समय उन्होंने देशभक्ति की अनेक कविताएँ रचीं। कविता
के क्षेत्र में गोपाल सिंह नेपाली ने देश प्रेम, प्रकृति प्रेम,
तथा मानवीय भावनाओं का सुंदर चित्रण किया है।
प्रमुख रचनाएँ :
काव्य संग्रह : उमंग, पंछी, रागिनी तथा नीलिमा, पंचमी,
सावन, कल्पना, आंचल, नवीन, रिमझिम और हमारी राष्ट्र वाणी।
निधन : १७ अप्रैल १९६३ में
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अनुभूति में
गोपाल सिंह नेपाली
की रचनाएँ-
गीतों में-
अपनेपन का मतवाला
बदनाम रहे
बटमार
मुसकुराती रही
कामना
मेरा धन है स्वाधीन कलम
सरिता
संकलन में-
मेरा भारत- यह दिया बुझे नहीं
प्रेम कविताएँ-
मैं प्यासा भृंग जनम भर का
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