भगवती चरण वर्मा
जन्म: ३० अगस्त १९०३, उन्नाव ज़िले के
शफीपुर ग्राम में।
शिक्षा: इलाहाबाद से बी.ए. एल-एल. बी. की
उपाधि।
कार्यक्षेत्र : प्रारंभ में कविता लेखन फिर
उपन्यासकार के नाते विख्यात। १९३६ में फ़िल्म कारपोरेशन कलकत्ता में कार्य। विचार
नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन संपादन। इसके बाद बम्बई में फ़िल्म कथा लेखन तथा
दैनिक नवजीवन का संपादन। आकाशवाणी के कई केन्द्रों में कार्य। १९५७ से स्वतंत्र
लेखन। 'चित्रलेखा' उपन्यास पर दो बार फ़िल्म निर्माण और भूले बिसरे चित्र पर
साहित्य अकादमी पुरस्कार। पद्मभूषण तथा राज्यसभा की मानद सदस्यता प्राप्त।
निधन: ५ अक्तूबर १९८१ में।
प्रमुख कृतियाँ:
उपन्यास : अपने खिलौने, पतन, तीन वर्ष, चित्रलेखा, भूले बिसरे चित्र, टेढ़े
मेढ़े रास्ते, सीधी सच्ची बातें, सामर्थ्य और सीमा, रेखा, वह फिर नहीं आई, सबहिं
नचावत राम गोसाईं, प्रश्न और मरीचिका, युवराज चूंडा, धुप्पल।
कहानी संग्रह: मेरी कहानियाँ, मोर्चाबन्दी।
कविता संग्रह: मेरी कविताएँ।
संस्मरण: अतीत की गर्त से।
साहित्य आलोचना: साहित्य के सिद्धांत तथा रूप।
नाटक: मेरे नाटक, वसीयत।
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अनुभूति में भगवती चरण वर्मा
की रचनाएँ-
गीतों में-
आज मानव का सुनहला प्रात
आज शाम है बहुत उदास
कल सहसा यह संदेश मिला
कुछ सुन लें कुछ अपनी कह लें
तुम अपनी हो, जग अपना है
तुम मृगनयनी
तुम सुधि बनकर
मैं कब से ढूँढ रहा हूँ
हम दीवानों की क्या हस्ती
विविध-
देखो, सोचो, समझो
पतझड़ के पीले पत्तों ने
बस इतना--अब चलना होगा
संकोच-भार को सह न सका
संकलन में -
प्रेम गीत- मानव
मेरा भारत-
मातृ भू
शत शत बार प्रणाम
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