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चंद्रसेन विराट

हिंदी ग़ज़ल के इतिहास में चंद्रसेन विराट का नाम शीर्षस्थ ग़ज़लकारों में है। साथ उनके गीत, दोहे और मुक्तक भी बहुत लोकप्रिय हुए हैं।

प्रकाशित कृतियाँ-
गीत संग्रह-
मेंहदी रची हथेली, ओ मेरे अनाम, स्वर के सोपान, किरण के कशीदे, मिट्टी मेरे देश की, पीले चाँवल द्वार पर, दर्द कैसे चुप रहे, भीतर की नागफनी, पलकों में आकाश, बूँद-बूँद पारा, सन्नाटे की चीख, गाओ कि जिए जीवन और सरगम के सिलसिले।

ग़ज़ल संग्रह-
निर्वसना चाँदनी, आस्था के अमलतास, कचनार की टहनी, धार के विपरीत, परिवर्तन की आह्ट, लडाई लंबी है, न्याय कर मेरे समय, फागुन माँगे भुजपाश, इस सदी का आदमी, हमने कठिन समय देख अहै, खुले तीसरी आँख।

दोहा संग्रह-
चुटकी-चुटकी चाँदनी, अँजुरी-अँजुरी धूप।
मुक्तक संग्रह- कुछ पलाश कुछ पाटल, कुछ छाया कुछ धूप, कुछ सपने कुछ सच, कुछ अंगारे कुछ फुहारें, कुछ मिशी कुछ नीम।

कविता संग्रह-
गीत-गंध, हिंदी के मनमोहक गीत, हिंदी के सर्वश्रेष्ठ मुक्तक, टेसू के फूल, कजरारे बादल, धूप के संगमरमर, चाँदनी चाँदनी।

 

अनुभूति में चंद्रसेन विराट की रचनाएँ-

अंजुमन में-
अब हथेली
अक्षरों की अर्चना

गजल हो गई
छंद की अवधारणा
मुक्तिकाएँ लिखें

दोहों में-
चाँदी का जूता
तुमको क्या देखा

मुक्तक में-
नाश को एक कहर

संकलन में-
मेरा भारत- ये देश हमारा
         वंदन मेरे देश

 

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