अनुभूति में
श्री
नारायण
शुक्ल की रचनाएँ
गीतों में-
देवता हो जाओगे
हमारा सिंगापुर
अंजुमन में-
फायदा
छंदमुक्त में-
सन्यास से पहले की सोच
दिल और दिमाग की लड़ाई |
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फायदा
कुछ कहीं पर फायदा होता दिखा तो झुक लिए
फायदे की बात हो तो बात होनी चाहिए
चल पड़ेंगे गर बुलाओ दावतों में तुम इन्हें
बस मगर दावत में सब कुछ खास होना चाहिए
बिकेंगे बस इक लिफाफे पर हमेशा साहिबाँ
बस रकम उसमें लिफाफा भर के होनी चाहिए
दीन ना इनका कोई, ना ही कोई ईमान है
धन में है मन, धन ही जीवन, ध्येय धन ही चाहिए
धन ही सेवा, धन ही मेवा, धन दिखा तो रुक लिए
मन से ज्यादा धन से इनको प्यार होना चाहिए
१ अप्रैल २०२३
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