अनुभूति में
श्री
नारायण
शुक्ल की रचनाएँ
गीतों में-
देवता हो जाओगे
हमारा सिंगापुर
अंजुमन में-
फायदा
छंदमुक्त में-
सन्यास से पहले की सोच
दिल और दिमाग की लड़ाई |
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देवता हो
जाओगे
तुम मरो तो देवता हो जाओगे
पंच तत्वों में मिलोगे
चित्र बन कर फ्रेम में टँग जाओगे
सब कहेंगे नेक थे तुम
सुन नहीं तुम पाओगे
तुम मरो तो देवता हो जाओगे
पुष्प भी तुम पर चढ़ेगा
धूप बत्ती भी जलेगी
ना इन्हें तुम देख पाओ
सूंघ भी इनको नहीं तुम पाओगे
तुम मरो तो देवता हो जाओगे
जान है जब तक बदन में
काम कर लो नाम कर लो
दूसरों की मुस्कुराहट
आज अपने नाम कर लो
आज जिनको देख सकते
देख लो उन व्यक्तियों को
आँख मुँदते ही इन्हें तुम
देख भी ना पाओगे
तुम मरो तो देवता हो जाओगे।
१ अप्रैल २०२३
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