प्रो.
राजीव कृष्ण सक्सेना
जन्म-
24 जनवरी 1951 को दिल्ली में।
शिक्षा-
दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में।
कार्यक्षेत्र-
जीव रसायन शास्त्र में पीएच. डी. करने के उपरांत उन्होंने छः वर्ष तक अमरीका के
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में जीव प्रतिरोधक शक्ति विज्ञान के क्षेत्र में शोध
कार्य किया। तदोपरांत 1984 में वे भारत लौटे और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के
स्कूल आफ लाइफ साइंसेज मे एसोसियेट प्रोफ़ेसर का पद पाया। वर्ष 1991 में वे
प्रोफ़ेसर, 2001 में संकायाध्यक्ष और 2002 से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय क़े
प्रोवाइसचांसलर के पद पर नियुक्त हुए।
प्रोफ़ेसर सक्सेना कई अमरीकी विश्वविद्यालयों एवं
संस्थानों में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर के रूप में कार्य कर चुके हैं। जीव प्रतिरोधक
शक्ति विज्ञान के क्षेत्र में उनका शोध कार्य अंतर राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है। अब
तक उनके 120 शोध निबंध राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में छप चुके हैं।
एक दर्जन से अधिक छात्र उनके साथ पीएच.डी. कर चुके हैं। भारत की तीनों प्रमुख
विज्ञान अकादमियों ने प्रोफ़ेसर सक्सेना को अपनी फ़ेलोशिप प्रदान की है।
मूलतः एक वैज्ञानिक होने पर भी प्रोफ़ेसर सक्सेना
को हिंदी सहित्य से विशेष प्रेम है। उन्होंने श्रीमद भगवतगीता का हिंदी में मात्राबद्ध
पद्यानुवाद किया जो ''गीता काव्य माधुरी'' के नाम से पुस्तक महल दिल्ली के द्वारा
प्रकाशित हुआ है।
प्रोफ़ेसर सक्सेना की कुछ अन्य कविताएँ विभिन्न
पत्रिकाओं मे छप चुकी हैं। उनकी कविताएँ लेख एवम गीता काव्य माधुरी के अंश उनके
जालघर www.geeta-kavita.com
पर पढ़े जा सकते हैं।
ई मेल -
rajivksaxena@gmail.com
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