अनुभूति में
मैट रीक की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
दिल्ली हाट पे
जो सफर मैंने किया
मेरी किताब |
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दिल्ली हाट पे
दिल्ली हाट पे बहुत सारा देशी खाना
मिल जाता है, मसलन, महाराष्ट्र का, आसाम का,
तामिलनाडु का, बंगाल का, राजस्थान का,
उत्तरांचल प्रदेश का, कश्मीर का,
पंजाब का, कर्णाटक का . . .
बढ़िया।
दिल्लीहाट पे अच्छे–अच्छे
हस्तशिल्प भी मिलते हैं,
चित्रकला भी, वस्त्र भी,
दरी भी, कंबल भी, छोटी–छोटी
गुड़ियाँ भी . . .
बढ़िया।
दिल्ली हाट पे
कितने सुंदर लड़के आए हैं
जो जीन्स पहने हुए हैं, या सूट।
कितनी खूबसूरत लड़कियाँ भी आई हैं
जिन्होंने लिपस्टिक लगाया है,
परफ्यूम भी देख लो, भाई,
कितने अच्छे किस्म के जूते दिखते हैं,
नाइकी भी, बर्केंस्टोक भी . . .
बढ़िया जगह है, बढ़िया।
दिल्ली हाट पे
धूम्रपान तथा पान का सेवन
वर्जित है – दिल्ली हाट
इज़ ए प्लैस्टिक फ्री ज़ोन।
अच्छा?
दिल्ली हाट पे
गरीबों को हटाया गया है।
परदे के पीछे, वह आप का मज़ेदार खाना
पकाते हैं।
अरे, दिल्ली हाट
एक आरामदेह जगह है,
वह है कमाल!
१ सितंबर २००४ |