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कहानी
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प्रार्थना
स्वतंत्रता की बात
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स्वतंत्रता की बात
स्वतंत्रता की बात करूँ तो
निज विचारों को तुम आजाद करो
औरों पर
लांछन लगाने से पहले,
खुद से ही तुम नई शुरुआत करो
पूरी दुनिया जब बदले तब बदले
अपने नेक कर्मो के दावेदार बनो
तुम्हारी
संगत से अंतस उजास भरे
अंतर्मन के ऐसे शिल्पकार बनो
मात-पिता का नाम गौरवान्वित कर
देश-समाज के उदाहरण बनो
जो मिली है
सांसे जीवन-मरण तक
मनुजन्म का सर्वोच्च सार बनो
पंचतत्व में मिल फिर स्वतंत्र हो जाए
अपनी रूह का ऐसा कल्याण करो
दुनिया तुम्हारे नाम का सजदा करे
और तुम प्रभु का कोटि-कोटि धन्यवाद करो
१ फरवरी २०२४ |