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अनुभूति में विनीता शुक्ला की रचनाएँ

छंदमुक्त में-
उसको तो जाना ही था
जिजीविषा
जीवन का गणित
मुट्ठी भर रेत
 

 

जीवन का गणित

पाप पुण्य का हिसाब
हानि लाभ
गुणा भाग
सुख दुःख का ग्राफ
रिश्तों की जोड़- तोड़
संबंधों के त्रिकोण

समानान्तर रेखाओं से
पृथक दृष्टिकोण
कहीं धन कहीं ऋण -

लड़खड़ाते समीकरण
शून्य की अनंत की
उलझी हुई अवधारणा
गुत्थिओं में ही निहित
सुलझाने की प्रेरणा

बहुतेरे प्रश्न
सदा रहते अनुत्तरित
अनबूझे से जीवन का
यही गणित !

१ मई २०२४

 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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