अनुभूति में
शुचिता
श्रीवास्तव की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
इस बसंत में
प्रेम की तलाश
प्रेम खदबदाता है
प्रेम एक चुटकी खुशी
मुट्ठी भर तुम्हारी याद |
|
प्रेम एक चुटकी खुशी
प्रेम
देता है एक चुटकी ख़ुशी
और आकाश भर दुःख
प्रेम
देता है एक अंजुरी हँसी
और समंदर भर आँसू
प्रेम
देता है बस एक फूल
और जंगल भर नागफनी
प्रेम
देता है एक दिन की नींद
और उम्र भर का रतजगा
प्रेम
देता है एक पल की निकटता
और कई सदियों की दूरियाँ
११ मई २०१५ |