अनुभूति में
राजकिशोर की रचनाएँ-
सुख
दुख
साहस
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सुख सुख है
बाजार की सबसे हसीन कार
खरीदने में
सुख है
शहर के सबसे सुंदर इलाके में
एक अच्छे-से मकान की चाबी
पत्नी को सौंपने में
जब बाहर सब कुछ
गर्मी से मचल रहा हो
सुख है
वातानुकूलित कमरे में
चैन की करवट बदलने में
इससे बडे सुख भी हैं :
बेईमानों के बीच
ईमानदारी से रहने का
जब सभी दम साधे बैठे हों
अपनी बात निर्भीकता से कहने में
कल सभी का भविष्य सुंदर होगा
इस उम्मीद में
आज दरिद्रता के कष्ट सहने में
लेकिन
इतनी बडी छाती
कहाँ से लाएँ
छुटभैये हैं
छुटभैयों की तरह
जिंदगी बिताएँ
१ सितंबर २००६ |