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अनुभूति में नीलम मिश्रा की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
अनवरत
कुछ भी हो सकता है
एक मुट्ठी
बेटी
यकीनन

 

एक मुट्ठी

एक मुठ्ठी नीला आसमान,
एक मुठ्ठी पीला खलिहान
एक मुठ्ठी चीडियो को दाना
एक मुठ्ठी बागो के फूल
एक मुठ्ठी मिट्टी की धूळ,
एक मुठ्ठी हंसती सी धूप
..............
एक मुठ्ठी खाली समय,
एक मुठ्ठी आवारा नजर,
एक मुठ्ठी उसका अपनापन,
एक मुठ्ठी मेरा दीवानापन,
पर अब वो मुठ्ठी कहाँ होती है ?

७ नवंबर २०११

 

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