फूलों में बसी ख़ुशबू
फूलों में बसी
खुशबू
सा दिल में बसा कोई
हाथों में रची मेहँदी
सा प्यारा सा है कोई
दिल के हजार परदों
में छिपाकर है रख लिया
मेरी उम्मीद मेरी
जिन्दगी अरमान सा कोई
तनहाई में चुपचाप
उससे बात होती है
भँवरों की गुनगुनाहट
की आवाज सा कोई
हवाओं में खुशबू की
तरह वो घुला सा है
मेरी जिन्दगी के हसीन
ख्वाब सा कोई
मेरे वजूद में ऐसे
घुला घुला है वो
दिल में किसी मीठे से
अरमान सा कोई
सहरा में जैसे कोई
हसीन फूल हो खिला
मन की दुनिया में बजता
मीठा सा साज सा कोई
1 सितंबर 2007 |