कोई तो है
कोई तो है जो हर पल ही
हमारे साथ रहता है
हमारे साथ हँसता है
हमारे साथ रोता है
कभी खामोश रातों में
मुझे आवाज देता है
किसी ख़्वाबों की
दुनिया में मुझे फिर
ले के जाता है
ना आती नींद है जब रात
की बेचैन करवट में
थपिकयाँ दे के मुझको
फिर कोई गाकर सुलाता है
तनहाइयों में जब कभी
आँसू बहाता हूँ
पोंछकर अश्क मेरे वो
मेरे गम को भुलाता है
वो अपना है मेरा अपना
मुझे महसूस होता है
मेरे हर गम में बढ़कर
हाथ मेरा थाम लेता है
कि उसके दिल की हर
धड़कन मुझे महसूस होती है
कि जैसे मेरी साँसों में
ही उसका दिल धड़कता है
1 सितंबर 2007 |