अनुभूति में
कुमार
विश्वबंधु
की रचनाएँ-
छंदमुक्त
में-
अच्छे दिनों की उम्मीद पर
खौफ खाते हुए बच्चे
गाँव के बच्चे
बच्चा बना रहा है चित्र
बच्चे नहीं जाते पार्क
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अच्छे दिनों की उम्मीद पर
बच्चे आखिरी उम्मीद हैं
अच्छे दिनों की
अच्छे दिनों की उम्मीद पर
बच्चे सुबह-सुबह
जा रहे हैं स्कूल
स्कूल के बाहर
एक भरा पूरा दिन
बीत गया बच्चों के इंतजार में
देर शाम
बच्चे लौट रहे हैं घर
थके-हारे ...।
२४ मई
२०१०
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