कुमार विश्वबंधु
बिहार के एक गाँव 'दयालपुर' (जिला भागलपुर) में जन्म। बचपन के कई
वर्ष गाँव में बीते। उसके बाद कलकत्ता में शिक्षा-दीक्षा व
निवास। बचपन से ही कविता, चित्र कला और संगीत का शौक। इनमें
कविता में थोड़ी-बहुत प्रगति हुई, बाकी बस शौक ही बने रहे, अब भी
हैं। कविताओं के अलावा समय-समय पर समीक्षात्मक लेखन। कलकत्ता
विश्वविद्यालय, कलकत्ता से हिन्दी में एम.ए और कलकत्ता
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. जगदीश्वर चतुर्वेदी के निर्देशन
में '' नामवर सिंह का आलोचनात्मक संघर्ष '' विषय पर शोधकार्य।
सम्प्रति कलकत्ता में '' डेविड हायर ट्रेनिंग कॉलेज '' में
एसिसटेंट प्रोफेसर, हिन्दी, के रूप में कार्यरत।
देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं - आजकल, लोकगंगा, अक्षर पर्व,
समकालीन भारतीय साहित्य , वसुधा, अलाव, वर्तमान साहित्य , सरयू
धारा, साखी, जनसत्ता, कथा देश, हंस, वागर्थ आदि में कविताएँ
प्रकाशित।
मेल -
kumarvishwabandhu@gmail.com |
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अनुभूति में
कुमार
विश्वबंधु
की रचनाएँ-
छंदमुक्त
में-
अच्छे दिनों की उम्मीद पर
खौफ खाते हुए बच्चे
गाँव के बच्चे
बच्चा बना रहा है चित्र
बच्चे नहीं जाते पार्क
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