बस यों ही
बस यों ही खो जाएँगे हम एक दिन!
हादसा हो जाएँगे हम एक दिन!
लहर पर लिखे हरफ़ कब तक रहे -
लहर ही हो जाएँगे हम एक दिन!
ख्वाहिशों का काफ़िला रुकता
कहाँ!
पस्त ही हो जाएँगे हम एक दिन!
रौशनी के गर हुजूमों पर गए -
तीरगी हो जाएँगे हम एक दिन!
फूल, पत्ते और तितली सब गलत -
खार बस हो जाएँगे हम एक दिन |