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बाकी सब कुछ अच्छा है
गाँव हो रहे शहर हमारे बाकी सब कुछ अच्छा है
रिश्ते अब व्यापार हो रहे बाकी सब कुछ अच्छा है।
उत्पादन में बढ़त हो रही खेतों से खलिहानों तक
फिर भी भूखे बढ़ते जाते ब़ाकी सब कुछ अच्छा है।
चौड़ी सड़के पक्की गलियां औ़' बिजली की जगमग में
दिल की दूरी बढ़ती जाती बाकी सब कुछ अच्छा है।
चौपालों की मीठी बातें दूरदर्शनी संस्कृति में
तीज और त्योहार खो रहे
बाकी सब कुछ अच्छा है।
कोर्ट कचहरी, आफिस, थाने, मोटर, गाड़ी, अफसर से
अमन चैन के दिवस हिराने बाकी सब कुछ अच्छा है।
घर से आयी जब से पाती इ़न बदले हालातों की
दिल की धड़कन और बढ़ गई बाकी सब कुछ अच्छा है।
४ अक्तूबर २०१० |