इस देश को नमस्कार
भारत अपना प्यारा देश इस देश को नमस्कार
उस माटी को क्यों न पूजें जिससे हमको प्यार
रेगिस्तान हो या हो हरियाली
हर दिल में रहती है खुशहाली
पर्वत हो जिसका ऊँचा मस्तक
सीने में बहें नदियाँ मतवाली
कच्छ अरुणाचल जैसे बाहू करते हमें दुलार
इस देश को नमस्कार
दक्षिण से रहा कभी प्यार कम न हमारा
कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश एक हमारा
सच कर देंगे आज शपथ लें हम
विभिन्नता में एकता का नारा
दुश्मन जब ललकारे तो उसे लगाएँ मार
इस देश को नमस्कार
आज़ादी जो यह हमको मिली है
गुलशन की हर कली खिली है
चंद लोगों के कारण लेकिन
कहीं कहीं पे सूनी गली है
मतलब की ख़ातिर शायद भाईचारा दिया बिसार
इस देश को नमस्कार
गुलाम का जीना भी क्या है जीना
इसीलिए बहाया सबने खून पसीना
गांधी सुभाष भगत सिंह ने हमको
दिलाया है ये आज़ादी का नगीना
माँझी सारे चले गए दे हमको ये पतवार
इस देश को नमस्कार
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