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जादूगर
जाने कौन है वह जादूगर
जिसने माया जाल बिछाया।
अपनी महिमा दर्शाने को
किसने यह संसार बनाया।
कहीं बनाया ऊँचा पर्वत
गहरा सागर कहीं बनाया।
आग उगलती रेत कहीं पर
कहीं घने जंगल की छाया।
जल, थल, नभ की रचना करके।
कितना सुन्दर मंच बनाया।
माटी के पुतलों को उस पर
जैसा चाहा नाच नचाया।
जिसकी उँगली पर सब नाचे
उसको कोई देख न पाया।
रहे सभी उसके साये में
जिसका कोई रूप न काया।
जिसने भी उसके गुण गाये।
उसने उसको गले लगाया।
मीरा, सुर, कबीर और तुलसी
किसने सबको अमर बनाया।
९ जनवरी २००३ |