अनुभूति में
डा. भूपेन्द्र कुमार दवे की रचनाएँ—
शिशुगीत-
चिड़िया रानी
नाक
भालू
गीतों में—
तुम चाहो तो
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चिड़िया रानी
चूँ चूँ करती शोर मचाती
रोज़ सुबह आ जाती चिड़िया
चीं चीं करके गाना गाती
हमें जगानी आती चिड़िया
बड़े मज़े से दाने खाती
खाकर फिर उड़ जाती चिड़िया
दूर दूर से तिनके चुनकर
दिन भर दौड़ लगाती चिड़िया
शाम हुई तो फुदक फुदक कर
नाच दिखाने आती चिड़िया
रात हुई तो कहीं दुबक कर
चुपके से सो जाती चिड़िया
२४ अगस्त २००६ |