अनुभूति में
भास्कर चौधरी
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चुनाव
एक
चीनी खत्म
खत्म चाय
चावल
दाल मसूर
दाल अरहर खत्म
खाली पड़ा था
दाल मूँग का डिब्बा
पहले से ही
बचा नहीं तेल रसोई घर में
कि दरवाजे के कब्जों का तेल
सूख चुका है कब का
कि माह के अखिरी दिन हैं
और चुनाव करीब है !!
दो
हमारे यहाँ मनु पटेल
देख रहे हैं लड़कियाँ
होने को है साल पूरा
पर पूरी नहीं हुई उनकी खोज
मनु पटेल को नहीं मिली
पसंद की लड़की
मनु के यहाँ
लड़के ही चुनते हैं लड़कियाँ
लड़कियोँ को चुनाव का हक नहीं
यूँ देश में होने को है चुनाव
चुने जाने हैं नेता
पर चुनने का हक किसको है
असल में ?
९ जून २०१४
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