अनुभूति में
उमा प्रसाद लोधी
की रचनाएँ—
अंजुमन में-
आदर्शों की अर्थी
गीत में साँस
लज्जावती लजाई
सूरज तेरा ताप
हमने देखे
हैं
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सूरज तेरा ताप
सूरज तेरा ताप रहेगा कितने दिन
धरती का परिमाप रहेगा कितने दिन
चंदा के मुख पर काले-भूरे धब्बे,
गौतम का अभिशाप रहेगा कितने दिन
नामी और गरामी मजरे का मुखिया
मेरा माई बाप रहेगा कितने दिन
शोषण का आदी ये ऊँचा यूकेलिप्टस
जीवित अपने आप रहेगा कितने दिन
वादे दर वादे परिवर्तन रैली में
उल्टा मंतरजाप रहेगा कितने दिन
रात-दिवस की धमाचौकड़ी सड़कों पर
धुँआ, तमाशा, पाप रहेगा कितने दिन
बूढ़ा होकर भी सुराज का अर्थ 'उमा'
मुद्दों पर चुपचाप रहेगा कितने दिन
१ नवंबर २०२२
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