अनुभूति में
उमा प्रसाद लोधी
की रचनाएँ—
अंजुमन में-
आदर्शों की अर्थी
गीत में साँस
लज्जावती लजाई
सूरज तेरा ताप
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लज्जावती लजाई
लज्जावती लजाई तो, शील तक गये
छाया निहारनी थी बस, झील तक गये
अनुभूतियाँ हमारी जल चूमने लगीं
लहरें लिए हजार कई मील तक गये
आकाश थे तुम्हें हम कैसे छुएँ भला
अँधियार ले हृदय में कंदील तक गये
किससे पता न पूछा हिन्दोस्तान में
मनप्रीत, श्याम, डेविड, ज़लील तक गये
उसकी झलक मिली तो दिल खो गया 'उमा'
मैना के' साथ उड़ते' अबाबील तक गये
१ नवंबर २०२२
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