दिल लगाने की भूल
दिल लगाने की भूल थे पहले
अब जो पत्थर है फूल थे पहले
तुझसे मिलकर हुए हैं पुरमानी
चाँद तारे फिजूल थे पहले
अन्नदाता हैं अब गुलाबों के
जितने सूखे बबूल थे पहले
लोग गिरते नहीं थे नज़रों से
इश्क के कुछ उसूल थे पहले
जिनके नामों पे आज रस्ते हैं
वे ही रस्तों की धूल थे पहले
१९ अप्रैल २०१० |