पहचान तलाशें
आ अपनी पहचान तलाशें!
भीतर का इंसान तलाशें!
बोझिल सांसों की बस्ती में,
जीवन की मुस्कान तलाशें!
लोग खड़े हैं बाज़ारों में,
खुशियों के सामान तलाशें!
मुश्किल भरी डगर से गुज़रें,
राह कोई आसान तलाशें!
फुटपाथों के बेबस सपने,
बंगले आलीशान तलाशें!
छोड़ के मन मंदिर का द्वारा,
सब बाहर भगवान तलाशें!
३ मार्च २००८