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सन्नाटे हैं

 

सन्नाटे हैं

सन्नाटे हैं औ' सीलन है
मेरा इतना-सा जीवन है

आँगन-आँगन गम का साया
शहरों शहरों बस मातम है

खुश जुगनू अँधी रातों में
कम से कम वो तो रोशन है

सपना बोला मैं क्यों दीखूँ
मेरी आँखों से अनबन है

बादल माना लौट गए हैं
लेकिन आँखों में सावन है

दोस्त न वो बन पाया लेकिन
खुश हूँ कोई तो दुश्मन है

बाँसों का जंगल है जीवन
लेकिन मन में तो चन्दन है

तिनकों की रखवाली करना
नीड़ बनाने जैसा फ़न है

६ जुलाई २०१५

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