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अनुभूति में रणवीर सिंह अनुपम की रचनाएँ-

अंजुमन में-
कई दिल की उलझन
जिंदगी में इस तरह
पड़ोसी की लड़की
मेरे दिल की धड़कन
 


 

 

जिंदगी में इस तरह

जिंदगी में इस तरह न, आप रोना सीखिये,
छोडकर कमजोरियाँ, मजबूत होना सीखिये॥

बेवफाई ज़िल्लतें, अपने भी दे तो गम नहीं,
मुसकराकर बोझ अपने आप ढोना सीखिये॥

जिंदगी हरवक्त होती, सेज फूलों की नहीं,
पत्थरों के फर्श पर भी, आप सोना सीखिये॥

वक्त की बरबादियाँ हैं, आप की बरबादियाँ,
वक्त को हरवक्त मानव, यों न खोना सीखिये॥

रेशमी इस पैरहन को, आप धुलवा लें कहीं,
गंदगी अपने दिलों की, आप धोना सीखिये॥

काँटे दामन में चुभेंगे, गर लगाएँगे बबूल,
चाहते हैं आम तो फिर, आम बोना सीखिये॥

हुस्न जब लगने लगे, खुद आपको बुझता दिया,
ढल रही इस उम्र को, स्वीकार करना सीखिये॥

प्रेम में निष्ठा, समर्पण, त्याग पहली शर्त है,
प्यार में पाने से पहले, यार खोना सीखिये॥

१३ जून २०११

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