अनुभूति में
रणवीर सिंह अनुपम की रचनाएँ-
अंजुमन में-
कई दिल की उलझन
जिंदगी में इस तरह
पड़ोसी की लड़की
मेरे दिल की धड़कन
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कई दिल की उलझन
कई दिल की उलझन, तुम्हारी ये
ज़ुल्फें,
करे रूप की, पहरेदारी ये ज़ुल्फें॥
लटकती लटें इनकी जादू बिखेरें,
बड़े ही हुनर से, सँवारी ये ज़ुल्फें॥
कभी बाँके बदली, छुपा लेती चेहरा,
कभी चूमती मुख, प्यारी ये ज़ुल्फें॥
लिपट जाती गर्दन से, चंदन समझकर,
नागिन सी लगती, तुम्हारी ये ज़ुल्फें॥
हँस-हँस के फंदे में आता फंसना,
बड़ी बहुत शातिर, शिकारी ये ज़ुल्फें॥
कयामत ये ढाये जिगर पे हमारे,
लगें देखने में, प्यारी ये ज़ुल्फें॥
करें घाव ऐसा, नज़र भी न आए,
आरी है या फिर कटारी, ये ज़ुल्फें॥
कभी नींद छीनें, कभी चैन छीनें,
कभी दे बड़ा, बेकरारी ये ज़ुल्फें॥
१३ जून २०११ |