अनुभूति में
निशेष जार तृषित
की रचनाएँ-
अंजुमन में-
उजले मुखड़े
कुहासा हो रहा
घर की मोटी चिड़िया
प्यार से दुश्मनी
बात पुरानी है |
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उजले मुखड़े
उजले मुखड़े वाले लोग
दिल के कितने काले लोग
उपवन जब भी कोई लुटा
शामिल थे रखवाले लोग
बाहर से हँसते दिखते पर
दिल में आँसू पाले लोग
जीवन भर दुख सहते मौन
सच पर चलने वाले लोग
इन्हें भला पहचाने कौन
परत परत पर डाले लोग
तृषित मिले कम इस संसार
सच पर चलने वाले लोग
१ फरवरी २०२३ |