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बाबूलाल गौतम

पूर्व कस्टम अधिकारी, राष्ट्रपति पदक के लिये नामजद हुए पर अस्वीकार किया। मीडिया में आने के बाद ‘जी. टी वी’ और ‘यू टी वी’ में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और ‘खोसला का घोंसला’ व ‘ए वेडनसडे’ जैसी अर्थपूर्ण फिल्में बनाईं। २०१२ में ‘एण्डी लीलू’ अंग्रेजी उपन्यास लिखा और २०१४ में कहानी संग्रह ‘मोहम्मद ए मैकेनिक एण्ड मेरी ए मेड’ प्रकाशित हुआ। गज़ल पहले प्यार और आखिरी पनाह की तरह है।

ईमेल- gautambl@yahoo.co.in

 

अनुभूति में बाबूलाल गौतम की रचनाएँ-

अंजुमन में-
जब तक मेरी बात
जब से उसके हाथ में
नहीं वो लौट कर आया
मेरी गज़लों से बच कर
सैलाब ने जो छोड़ी

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