अनुभूति में
अरुण शर्मा अनंत
की
रचनाएँ-
अंजुमन में—
अजब हालात हैं
भरत शत्रुघ्न लक्ष्मण राम
मुग्धकारी भाव
यहीं सुख दुख
हृदय में शुद्धता |
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अजब
हालात हैं
अजब हालात हैं सूरत पे सच्चाई नहीं मिलती,
मधुरता और संबंधों में गहराई नहीं मिलती।
समय के साथ ये कैसा हुआ है घोर परिवर्तन,
मेरे साए से मेरी आज परछाई नहीं मिलती,
डरे सहमे हुए गुलशन में मिलते हैं बड़े काँटे,
कली बेख़ौफ़ होकर एक मुस्काई नहीं मिलती,
हवेली संगमरमर की बना ली बेच कर बगिया,
मधुर आवाज कोयल की वो अमराई नहीं मिलती।
बुराई छल कपट धोखा दिलों में खूब मिलते हैं,
फसल पर प्रेम की निःस्वार्थ लहराई नहीं मिलती।
६ अक्तूबर २०१४ |