तमाशा देखिए
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ
खुलासा देखिए।
आप भी इस भीड़ में घुसकर तमाशा देखिए।।
जो बदल सकती है इस दुनिया के
मौसम का मिज़ाज़।
उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिए।।
जल रहा है देश ये बहला रही है
कौम को।
किस तरह अश्लील है कविता की भाषा देखिए।।
मत्स्यगंधा फिर कोई होगी किसी
ऋषि की शिकार।
दूर तक फैला हुआ गहरा कुहासा देखिए।।
५ जनवरी २००९ |