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अनुभूति में अभिषेक कुमार सिंह की रचनाएँ-

अंजुमन में-
कभी आँसू कभी मुस्कान
डूब गया
बख़ूबी जानते हैं ये

मिट्टी चाहे दोमट
सफर

 

सफर

सफर फ़क़त रहा सफर
हुआ न तय ये उम्रभर

सहर की आँख क्या लगी
हुई जवान दोपहर

नगर तो बस नगर रहे
न हो सके ये गाँव घर

ख़्वाब तक उड़ा गई
हवा थी इतनी तेजतर

जो हर कदम पे साथ था
रहा मैं उससे बेख़बर

चमन की आबरू लुटी
तो पुष्प दल गए बिखर

विडंबनाओं में खड़ा
करे तो क्या करे बशर

१ फरवरी २०१९

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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