प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

३. २. २०१४

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला

1
प्रेम में भीगे हुए कुछ फूल
1

 ११११११११११ तुम्हारा साथ देंगे दूर तक
प्रेम में भीगे हुए कुछ फूल
अपने सूखने के
बाद भी

पंखुरी पर
बाँसुरी से गीत गाते पल रहेंगे
रंग फीके हो भले पर प्यार के संबल रहेंगे
गंध मीठी सी मधुर मकरंद की यों ही रहेगी
हाँ, समय के बीतने के
बाद भी

था कहा तुमने
जो बिछुड़ेंगे तो मिल न पायेंगे
बस समय की धार में डूबेंगे और बह जायेंगे
क्यों मगर उतना लबालब ही भरा है
प्रेम का घट रीतने के
बाद भी

जिन लकीरों ने
लिखी थी हाथ और माथे पे खुशबू
वक्त ने पानी मिला कर धो दिया किस्मत का जादू
एक अरसा हो गया पर दिल नहीं बदला
अभी भी साथ तेरा छूटने के
बाद भी

-रोहित रूसिया

इस सप्ताह

गीतों में-

bullet

रोहित रूसिया

अंजुमन में-

bullet

मदन मोहन अरविन्द

छंदमुक्त में-

bullet

अमरेन्द्र सुमन

कुंडलिया में-

bullet

टीकमचंद ढोडरिया

पुनर्पाठ में

bullet

ओमकृष्ण राहत

पिछले सप्ताह
२७ जनवरी २०१३ के अंक में

गीतों में-
डॉ. तारा प्रकाश जोशी

अंजुमन में-
राज सक्सेना

छंदमुक्त में-
रेनू यादव

घनाक्षरी में-
रूद्रपाल गुप्त सरस

पुनर्पाठ में-
अब्बास रजा अल्वी

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

Google
Loading

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी
   
 

१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०

website metrics