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गली में शोर 
गली में शोर  
उग्र भीड़ बेकाबू  
और फिर चिनगारियाँ  
रास्ते पर पत्थर 
आसमान पर नज़र  
और फिर ठोकर  
प्यार का रिश्ता  
बनता बिगड़ता  
और फिर सँवरता  
सर्दी का मौसम  
गली में कुत्ता  
और फिर बारिश  
हाथ में चाँद  
ज़माने से डर  
और फिर भागमभाग। 
दिल का देना  
दिल का लेना  
और फिर चुप्पी  
आँखों में आँसू  
दुख दर्द अथाह  
और फिर सूखा  
थोड़ा-सा बहाना  
थोड़ी-सी चाहत  
और फिर पैमाना  
आँखों पर चश्मा  
हाथो में कलम  
और फिर सोच  
सुखते जख़्मों पर  
तेज़ाब का छिड़काव  
और फिर चीत्कार  
असमंजस में सब  
प्यार का इज़हार  
और फिर इनकार  
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