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कितना सुंदर है यह क्षण
कुछ बातें कही नहीं जातीं
तुमसे क्या माँगूँ भगवान
बात एक छोटी सी
भगवान से वार्तालाप
मन में
मेरा संशय

संकलन में-
दिये जलाओ- दूसरा दीपक

 

कितना सुंदर है यह क्षण

निस्सीम समय का छोटा सा कण
कितना सुंदर है यह क्षण
किंचन
छोटा सा यह क्षण
आकर ठहरा
फिर चला गया
खो गया कहीं
इतिहास बना
कितना लघु
कितना विशाल
सुख शांति पूर्ण
या विकराल
औ' छोड़ गया
वह चेतन में
गहरा निशान
यह क्षण नादान
वह बंधन था
या मुक्ति दान
क्षण छोटा सा
अणु बम समान
पर क्षण तो केवल
क्षण ही है
छोटा सा किंचन
कण ही है
तुमने ही उसको
रूप दिया
विशेषण का
आरूप दिया
तो क्षण यदि केवल
क्षण ही है
क्यों उसे रूप देते निष्ठुर
यदि मन में गांठ नहीं है तो
हर क्षण में है
सुख का अंकुर
हर एक क्षण को
यदि खिलने दो
कर लो विभोर
हर पल में मन
फिर रह जाएगा
भाव एक बस
कितना सुंदर है यह क्षण
सच, कितना सुंदर है यह क्षण!
सुख दुखमय जीवन का
छोटा सा कण
पर कितना सुंदर है यह क्षण

२४ जनवरी २००५

 

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