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पत्थर
पागल भिखारी
भाग अमीना भाग
माँ 
रबर की चप्पल
रेलवे स्टेशन पर
रामला

पागल भिखारी

बाहर शोर हो रहा था
भीड़ जमा हो गई थी
सड़क पर भिखारी
या एक पागल चिथड़ों में पड़ा था
क्या हुआ? सब पूछ रहे थे
कैसे मरा?

क्या कार से टक्कर हुई?
किसी बदमाश ने मारा?
या ड्रग की बहुतायत
क्या प्यार से पागल हो गया?
''नहीं, नहीं, उसका साथी बोला,
''वह खामोशी थी,''
वह अंत तक चीखता रहा
''कुछ कहो... भगवान के लिए कुछ कहो
कुछ भी।''

४ फ़रवरी २००८ 

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