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प्रेम शंकर रघुवंशी

जन्म : ७ जनवरी १९३६ को बैंगनिया (सतपुड़ांचल के एक देहात) में।

प्रकाशित रचनाएँ-
कविता संग्रह: आकार लेती यात्राएं, पहाड़ों के बीच, देखो सांप : तक्षक नाग, तुम पूरी पृथ्वी हो कविता, पकी फसल के बीच, नर्मदा की लहरों से।
गीत-नवगीत-जनवादी गीत संग्रह अंजुरी भर घाम, मुक्ति के शंख, सतपुड़ा के शिखरों से।
कथा-लघुकथा संग्रह वह गन्ध, प्रश्न
बाल साहित्य- फुल्लो की गुड़िया, भारत की अस्र्णाई, पांच पेड़।
संपादित ग्रन्थ भवानी भाई (भवानी प्रसाद मिश्र पर)
समीक्षा कृति नवगीत : स्वरूप विश्लेषण (११७० तक)

पुरस्कार दुष्यंत पुरस्कार, बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार, वागीश्वरी पुरस्कार, आर्यकल्प पुरस्कार

सम्प्रति : हरदा के शासकीय महाविद्यालय से सेवामुक्त होकर यहीं सृजनरत।

निधन- २१ फरवरी २०१६

अनुभूति में प्रेम शंकर रघुवंशी की रचनाएँ-

नई कविताएँ
प्रार्थना होता जीवन
भूख और सूरज
ममत्व से दूर
लौटती जनता
स्त्री
हमारा चाहने वाला
हां ना के बीच

गीतों में-
गूंजे कूक प्यार की
नागार्जुन के महाप्रयाण पर
पाकशाला का गीत
सपनों में सतपुड़ा
सिसक रही झुरमुट में तितली

छंदमुक्त में-
इन दिनों
गर्भगृह तक
गांव आने पर
निश्चय ही वहां
महक
मां की याद
मिल बांटकर
सतपुड़ा और उसकी बेटी नर्मदा
हथेलियां
 

 

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