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दिविक रमेश


वास्तविक नाम : रमेश शर्मा
जन्म : १९४६ गाँव किराड़ी, दिल्ली
शिक्षा : एम. ए. हिन्दी, पी-एच डी., दिल्ली विश्वविद्यालय
सम्प्रति : प्राचार्य, मोती लाल नेहरू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

२० वीं शताब्दी के आठवें दशक में अपने पहले ही कविता संग्रह 'रास्ते के बीच' से चर्चित हो जाने वाले आज के सुपरिचित हिन्दी कवि दिविक रमेश बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।

विस्तार में—

 

अनुभूति में दिविक रमेश की रचनाएँ-

नई रचनाओं में-
आवाज आग भी तो हो सकती है
देखिये मुझे कोई मुगालता नहीं है
पत्नी तो नहीं हैं न हम आपकी
मैं कोई फरिश्ता तो नहीं था

बालगीतों में-
उत्तर उत्तर प्रश्न प्रश्न है
किसको भैया कब है भाया
छोटी छोटी बातों पर
दादा की मूँछों से
हवा हिलाती

अंजुमन में-
रात में भी
आए भी तो
हाक़िम हैं

:छंदमुक्त में-
उनका दर्द मेरी जुबान
उम्मीद
एक बची हुई खुशी
चेतावनी
बहुत कुछ है अभी
रहस्य अपना भी खुलता है
लाठी
वह किस्सा ही क्या जो चलता न रहे।
सबक
जीवन

क्षणिकाओं में-
हस्तक्षेप

संकलन में-
जग का मेला- चीं चीं चूं चूं

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