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अनायास ही आज नयन में डॉ. अनिल गहलौत  
अब तुम्हारा प्यार लेकर शैलेन्द्र कुलश्रेष्ठ
आँख भर देखा तारादत्त निर्विरोध
आँगन लक्ष्मीकांत वर्मा
उतनी दूर पिया तू मेरे गाँव से कुँवर बेचैन
उस क्षण मेरा प्यार जगाना रमाशंकर शुक्ल 'हृदय'
कल की परिभाषा डॉ. राकेश जोशी
कितनी लहरों के बीच चंद्रपाल शर्मा
कैसी तुम्हारी यह याद श्रीकृष्ण सरल
१० कौन पानी पर महावर रख गया सuरेश उपाध्याय
११ कौन मुस्काया विनोद श्रीवास्तव
१२ खुले रहेंगे इन पलकों के द्वार सुरेन्द्र मोहन मिश्र
१३ गंधित छाँह तुम्हारी नीलमेन्दु सागर
१४ गौरया आत्म प्रकाश शुक्ल
१५ घटा जामुनी घिरी नरेन्द्र चंचल
१६ घुँघरू आधी रात से पहले शरीफ कुरैशी
१७ चले नहीं जाना बालम सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
१८ चलो छिया-छी हो अंतर में माखनलाल चतुर्वेदी
१९ चूड़ी का टुकड़ा गिरिजा कुमार माथुर
२० छाप जीवन की रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
२१ जीवन दुख से भार न होता शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
२२ जीवन में आया नयापन पवन बाथम
२३ जुही की कली सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
२४ झुकी झुकी पलकों पर शंकर सक्सेना
२५ डगर डगर नगर नगर विनोद मंडलोई
२६ ताल सा हिलता रहा मन किशन सरोज
२७ तुम्हारा होना माहेश्वर तिवारी
२८ तुम्हारी देह अज्ञेय
२९ तुम्हारी याद से महके हुए निखिल संन्यासी
३० तुम कितने रूप नहाई हो डॉ. श्रीपाल क्षेम
३१ तुम कुछ कहो तो सही अंसार कंबरी
३२ तुम गए जब से सuनील जोगी
३३ तुम न आए डॉ. जीवन शुक्ल
३४ तुमने जीना सिखा दिया डॉ. संतकुमार टंडन 'रसिक'
३५ तुमने जो अपलक... राजेश कुमार सिंह
३६ तुम बरसे एoसे डॉ. शशि तिवारी
३७ तुम बिन डॉ. रामदरश मिश्र
३८ तुम हँस कर मेरा प्यार भगवती चरण वर्मा
३९ थके नयन में सुबह नचिकेता
४० दीप धरकर जा रहा हूँ राम अधीर
४१ देहरी पर नहीं आए डॉ. ओम प्रकाश सिंह
४२ नए साल में डॉ. अश्वघोष
४३ नींद नहीं आएगी पूर्णिमा वर्मन
४४ प्यार का नाता हमारा विनोद तिवारी
४५ प्यार बहीखातों में सरिता शर्मा
४६ परिचय की गाँठ त्रिलोचन
४७ पिउ पिउ न पपिहरा बोल डॉ. जगदीश व्योम
४८ प्रिय सांध्य गगन मेरा जीवन महादेवी वर्मा
४९ प्रियतम जयशंकर प्रसाद
५० प्रियतम कुछ बात करो प्रो हरिशंकर आदेश
५१ प्रीत लगा बैठा प्रो उदयभानु हंस
५२ प्रीति स्वयं मुसकाई होती डॉ. बृजमोहन पांडेय 'विनीत'
५३ बादल गरजे ठाकुर गंगाभक्त सिंह 'भक्त'
५४ भोर में जिस स्वप्न की निर्मला जोशी
५५ मधुमास देना चाहता हूँ बलराम श्रीवास्तव
५६ मधुर मिलन की रात श्रीमती पद्मेश श्रीवास्तव 'पद्मेश'
५७ मन होता है पारा रामानंद दोषी
५८ मन वीणा का तार बजे  शरद तैलंग
५९ मनुहार सुभद्रा कुमारी चौहान
६० माँग मिलन की अभी भरो गोपाल दास नीरज
६१ मानिनी कुछ बोल दो ना गोकर्णनाथ शुक्ल
६२ मानिनी गीत गिरिमोहन गुरु
६३ मिली हंसिनी रातें उमाश्री
६४ मीत आओ कदम दो कदम संग  डॉ. राजेन्द्र मिलन
६५ मैं प्यासा मृग जनम भर का गोपाल सिंह नेपाली
६६ पनघट सूना हो जाएगा  चंद्रसेन विराट
६७ प्रीति की कुनकुनी धूप में मुनीश मदिर
६८ मुस्कुराती रहो जगदीश प्रसाद सक्सेना 'पंकज'
६९ मेरा है नाम इसे प्यार से लिखो विनोद निगम
७० मेरे वियोग की आग राजेश दीक्षित
७१ मौन झील आज कुनमुनाई उमाशंकर वर्मा 'साहिल'
७२ मौन निमंत्रण सुमित्रानंदन पंत
७३ यदि तुम्हारे मिलन की सत्येंदु याज्ञवल्क्य
७४ यह नया विश्वास गोपाल बाबू शर्मा
७५ यह बात किसी से मत कहना देवराज दिनेश
७६ यही आता है इस मन में मैथिली शरण गुप्त
७७ याद तुम्हारी आई सारी रात रामानाथ अवस्थी
७८ यादों का चंदन डॉ. शैल रस्तोगी
७९ ये असंगति भारत भUषण
८० रात आधी हरिवंश राय 'बच्चन'
८१ राधे अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
८२ रूप की पंखुरी डॉ. प्रभा दीक्षित
८३ रूप के हाथ में कमल किशोर 'श्रमिक'
८४ रेत पर नाम  विष्णु सक्सेना
८५ लाज भरे नयनों में मुनीष मदिर
८६ लाज से नत नयन की डॉ. दयाकृष्ण विजयवर्गीय 'विजय' 
८७ लौट आओ  सोम ठाकुर
८८ सच कहता हूँ ब्रह्मदत्त द्विवेदी 'मंजुल'
८९ सपने में आए हो बैठो ज्ञानवती सक्सेना
९० साथ कैसे निभ पाए स्नेहलता 'स्नेह'
९१ सुधि के क्षण कीर्ति चौधरी
९२ सूनी साँझ शिवमंगल सिंह 'सुमन'
९३ हिरना आँखें बड़ी-बड़ी डॉ. रवींद्र भ्रमर
९४ हे चाल चपल चंद्रानन डॉ. राजेन जयपुरिया
९५ है चाहता बस मन तुम्हें कृष्ण शलभ
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  • कलाकृति : विजय कदंब
  • अतिथि संपादक : डॉ. जगदीश व्योम

यह संकलन निर्माणाधीन है

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